पाठ से

सुधा के स्वप्नों की इंद्रधुनषी दुनिया में अँधेरा कैसे छा गया?


सुधा चंद्रन एक दिन बस से तिरुचिरापल्ली से मद्रास जा रही थीं। बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस एक्सीडेंट में सुधा के बाए पांव की एड़ी टूट गई और दायां पांव बुरी तरह जख्मी हो गया। बायां पावं तो ठीक हो गया लेकिन दाए पांव में गैंग्रीन (कैंसर का एक प्रकार) हो गया जिस वजह से डॉक्टरों को सुधा का घुटने के नीचे से पैर काटना पड़ा। इस तरह से सुधा चंद्रन की जिंदगी में अंधेरा छा गया।


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